Monday, September 17, 2018

गर्भवती पत्नी के सामने पति की बेरहमी से हत्या

लंगाना के नालगोंडा ज़िले में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है. ज़िले के मिरयालागुडा शहर में एक अस्पताल के बाहर 24 वर्षीय पेरुमाल्ला प्रणय की उसकी गर्भवती पत्नी अमृता के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई.
डॉक्टर से अपनी पत्नी की जांच करवाने के बाद दोनों अस्पताल से बाहर निकले थे, तभी पीछे से एक व्यक्ति ने धारदार हथियार से प्रणय के गर्दन पर दो बार वार किया.
प्रणय की मौके पर ही मौत हो गई.
प्रणय और अमृता ने इसी साल 31 जनवरी को लव मैरिज किया था और दोनों के परिवार इससे नाराज़ थे. हालांकि प्रणय के परिवार ने बाद में दोनों को अपना लिया. लेकिनअमृता के परिवार वाले नाराज़ ही चल रहे थे.
ऐसे में पुलिस को शक है कि यह ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है.रणय दलित हैं और अमृता वैश्य समुदाय की. अमृता के पिता रियल स्टेट कारोबारी हैं.
पुलिस को अमृता के पिता पर हत्या करवाने का शक है क्योंकि दोनों ने यह शादी परिवार की मर्जी के बगैर की थी.
पुलिस ने इस मामले में अमृता के पिता मारुति राव को अभियुक्त-1 और उनके भाई श्रवण को अभियुक्त-2 बनाते हुए कार्रवाई शुरू की है.
प्रणय तब 10वीं कक्षा में और अमृता 9वीं में थी जब दोनों के बीच दोस्ती हुई. दोनों ने बीटेक की पढ़ाई की. फिर जब इन दोनों ने अपने-अपने परिवारों से एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई तो अमृता के पिता मारुति राव ने साफ़ मना कर दिया.सके बाद दोनों ने हैदराबाद जाकर आर्य समाज विधि से शादी की. इसके बाद दोनों वापस लौटे और प्रणय के घर में रहने लगे.
शादी के बाद भी मारुति राव ने अपनी बेटी को वापस बुलाने की कई कोशिशें कीं लेकिन बेटी ने मना कर दिया.
प्रणय के पिता बाला स्वामी ने बीबीसी से कहा कि शादी के दो महीने बाद से ही वो प्रणय की हत्या करना चाहते थे और इस बात को लेकर प्रणय भी परेशान था.
इस बीच अमृता गर्भवती हो गईं.
शुक्रवार को प्रणय और उनकी मां अमृता को लेकर मिरयालागुडा के निजी अस्पताल में उनकी जांच करवाने के लिए गए थे.
वे दोपहर 12 बजे अंदर गए 1.30 बजे जांच खत्म होने के बाद जब वो बाहर आ रहे थे तो एक व्यक्ति ने उनका पीछा किया और कुछ ही दूर पर प्रणय की गर्दन पर तेज़ धारदार हथियार से दो बार वार किया जिससे प्रणय की मौके पर ही मौत हो गई.
हथियार को मौका-ए-वारदात पर छोड़ कर हत्यारा वहां से भागने में कामयाब रहा. ये वारदात सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ जिसकी मदद से हत्यारे की पहचान हो गई है, लेकिन फिलहाल उसकी गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
पुलिस ने बीबीसी को बताया, "शादी के कुछ ही दिनों बाद दोनों ने पुलिस आईजी से मिलकर सुरक्षा की मांग की थी क्योंकि उन्हें अमृता के पिता से ख़तरा लगता था. ज़िला पुलिस एसपी ने मारुति राव को बुलाया तो उन्होंने पुलिस से कहा कि वो कुछ नहीं करेंगे."
पुलिस ने कहा, "यह हत्या भाड़े के हत्यारे से करवाई गई है और हमने हत्यारे को पकड़ने के लिए दो टीमें गठित की हैं."
प्रणय के पिता ने बीबीसी से कहा, "मारुति राव करोड़पति हैं. वो पैसे के बल पर कुछ न कुछ करेंगे, इसलिए मैंने अपने बहु और बेटे से कहा था कि दोनों दूर चले जाएं. लेकिन मेरी बहू ने जाने से इंकार करते हुए कहा कि वो अपने पिता को इसके लिए मना लेंगी. उसने कहा था कि दोनों कुछ न कुछ काम कर लेंगे."
उन्होंने कहा, "अमृता की उनके माता-पिता से कुछ समय से बातचीत हो रही थी और उन लोगों ने उसे यह विश्वास दिला दिया था कि वो बदल गए हैं, लेकिन उन्होंने मेरे बेटे की हत्या करवा दी."
दलित संगठनों ने मिरयालागुडा में शनिवार को इस हत्या के विरोध में बंद बुलाया.
राज्य की राजधानी से महज 150 किलोमीटर दूर भरी दोपहरी को हुई इस हत्या से लोग सन्न रह गए हैं. हत्या की ख़बर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई और लोग तरह तरह से प्रतिक्रियाएं दे कर अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं.
अमृता ने इस हत्या से ठीक एक दिन पहले ही फ़ेसबुक पर एक पोस्ट में गणेश चतुर्थी की पूजा का पोस्ट किया और लिखा "फीलिंग ब्लेस्ड" यानी अच्छा महसूस कर रही हूं.
प्रणय की हत्या के बाद इस फ़ोटो पर कई कमेंट्स आ रहे हैं. बहुत से लोग उन्हें 'बहन' संबोधित करते हुए उनसे सहानुभूति जता रहे हैं.
दुष्यंत कुमार ने लिखा, "भगवान कहां हैं? क्यों ऐसा किया? ऐसा आपने भगवान से पूछा तो भी समाधान नहीं मिलेगा. आप साहस जुटाइये. बी ब्रेव."
बहुतों ने लिखा कि ''आप अपने बच्चे में प्रणय को देखो 'बहन'. मज़बूत बने रहो''.
एक ने लिखा, "अपनी जाति को लेकर अहंकार. पैसा और ताक़त है तो कुछ भी कर सकते हैं. ऐसी सोच है. समाज से इस सोच को हटाने के लिए मारुति राव को सज़ा-ए-मौत दी जानी चाहिए.''

Wednesday, September 12, 2018

प्रेस रिव्यू: बढ़ते चालू खाता घाटे से शेयर बाज़ार हुआ धड़ाम

इकोनॉमिक टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़ भारत के बढ़ते चालू खाता घाटे ने शेयर बाज़ार की हालत पस्त कर दी है.
सेंसेक्स और निफ्टी ने छह महीने में पहली बार एक दिन में सबसे ज़्यादा की गिरावट दर्ज की है.
रुपये की क़ीमत डॉलर के मुक़ाबले 72.67 हो गई और ये नई रिकॉर्ड गिरावट है.
निवेशकों का मानना है कि चुनावी साल में रुपए और चालू खाता घाटे की ये हालत अर्थव्यवस्था के लिए और दिक्क़तें पैदा कर सकती है.
निफ्टी कल 151 अंक नीचे आ गया और सेंसेक्स में 467.65 अंक की गिरावट आई. मार्च महीने के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट है. में दी गई ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने की बकाया राशि का निपटान करने के लिए 5,535 करोड़ रुपये की मदद का पैकेज देगी.
गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले महीने में चीनी मिलों में पेराई शुरू होने से पहले किसानों को उनके गन्ने का पुराना 10,000 करोड़ रुपये का पूरा बकाया चुका दिया जाए.
उन्होंने कहा कि आने वाले हफ़्ते में सहकारी और निजी क्षेत्र की मिलों पर गन्ने की बकाया राशि का निपटान करने के लिए 5,535 करोड़ रुपये की मदद का पैकेज मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा.
सुरेश राणा ने नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ शुगर फ़ैक्टरीज़ लिमिटेड (एनएफएसएफएल) की वार्षिक आम बैठक के मौके पर ये बात कही.
उन्होंने बताया, "हमने 20 अक्टूबर से नए सत्र की शुरुआत से पहले बकाया राशि को शून्य करने का लक्ष्य रखा है."में दी गई ख़बर के मुता​बिक सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुजरात के पूर्व एटीएस प्रमुख डीजी वंजारा समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है.
हाई कोर्ट ने सोमवार को अभियुक्तों को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज कर दी.
गुजरात की एक निचली अदालत ने डीजी वंजारा समेत चार पुलिस अधिकारियों को आरोपमुक्त कर दिया था. तब सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन ने इसके ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. ख़बर के मुताबिक दिल्ली सरकार ने सोमवार को 'डोर स्टेप डिलीवरी' योजना की शुरुआत की.
इसके ​जरिए अब लोगों को 40 सेवाओं की घर बैठे सुविधा मिल सकेगी. सरकार का कहना है तीन महीने बाद इसके जरिए 100 तरह की सुविधाएं मिलने लगेंगी.
योजना की शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री अ​रविंद केजरीवाल ने कहा कि अब पिज्जा की तरह सरकारी सुविधाओं की भी डिलिवरी होगी.
इन सेवाओं के लिए आवेदक सुबह आठ से रात दस बजे तक 1076 नंबर पर फ़ोन कर सकते हैं. आवेदक की सुविधा के अनुसार मोबाइल सहायक मिलने के लिए समय तय करेगा. फिर वह घर आकर फॉर्म भरवाएगा और प्र​क्रिया पूरी होने के बाद 50 रूपये का शुल्क लेगा.
बाद में प्रमाणपत्र पोस्ट के जरिए आवेदक के पास पहुंचेगा.में पहले पन्ने पर पीएनबी घोटाले के मामले में मुख्य अभियुक्त नीरव मोदी से जुड़ी ख़बर दी गई है.
इस ख़बर के अनुसार इंटरपोल ने आभूषण व्यापारी नीरव मोदी की बहन और बेल्जियम की नागरिक पूर्वी मोदी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. रेड कॉर्नर नोटिस में कहा गया है कि 'धनशोधन' के आरोपों में पूर्वी दीपक मोदी की तलाश की जा रही है.
ग्यारह सितंबर 1893 को शिकागो में हुए विश्व धर्म संसद में विवेकानंद के भाषण की याद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी शिकागो में ही आठ सितंबर को एक भाषण दिया है.
11 सितंबर की जगह आठ सितंबर क्योंकि सप्ताहांत न हो तो काम छोड़कर अमरीका में भाषण सुनने लोग नहीं आते, और विश्व धर्म संसद की जगह विश्व हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया. आप मोहन भागवत के अंग्रेज़ी में दिए गए 41 मिनट का भाषण सुनेंगे तो आपको समझ में आएगा कि उन्होंने विवेकानंद से कोई प्रेरणा नहीं ली है.
पूरे भाषण के दौरान अमरीकी झंडा बैकग्राउंड में था, वहां न तो कोई भगवा ध्वज था, न ही तिरंगा.
बहरहाल, उन्होंने कई बातें कहीं जिन पर ग़ौर किया जाना चाहिए क्योंकि वो मामूली व्यक्ति नहीं हैं, संसार के सबसे बड़े एनजीओ के प्रमुख हैं जिसे भारत की मौजूदा सरकार अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करती है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा की 'मातृसंस्था' है.
मोहन भागवत ने कहा कि भारत में हमेशा से समस्त संसार का ज्ञान रहा है, भारत के आम लोग भी इन बातों को समझते हैं. इसके बाद उन्होंने एक दिलचस्प सवाल पूछा, "फिर क्या ग़लत हो गया, हम हज़ार साल से मुसीबत क्यों झेल रहे हैं?" इसका जवाब उन्होंने दिया कि ऐसा इसलिए हुआ कि 'हमने अपने आध्यात्मिक ज्ञान के मुताबिक जीना छोड़ दिया.'
ग़ौर करिए कि उन्होंने हज़ार साल की मुसीबत क्यों कहा? संघ का मानना है कि भारत के दुर्दिन अंग्रेज़ी राज से नहीं बल्कि मुसलमानों के हमलों से शुरू हुए, मुग़ल काल को भी वे मुसीबत का दौर मानते हैं.
दरअसल, ऐसे मौक़े याद नहीं आते जब संघ ने अंग्रेज़ी हुकूमत की आलोचना की हो, न अतीत में, न वर्तमान में. आलोचना के मामले में मुग़ल उनके प्रिय रहे हैं.
इसके बाद उन्होंने एक और दिलचस्प बात कही, "आज की तारीख़ में हिंदू समाज दुनिया का ऐसा समाज है जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी लोग सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं." न जाने उन्होंने यह निष्कर्ष किस आधार पर निकाला कि हिंदू, अपने हिंदू होने की वजह से यहूदियों, ईसाइयों या मुसलमानों से अधिक प्रतिभाशाली हैं?
यह हिंदू गौरव को जगाने की उनकी कोशिश थी, इसके फ़ौरन बाद उन्होंने कहा कि हिंदू एकजुट होकर काम नहीं करते, यही उनकी सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने एक किस्सा सुनाया कि एकजुट होने के आह्वान पर हिंदू कहते रहे हैं कि "शेर कभी झुंड में नहीं चलते."
उन्होंने कहा, "जंगल का राजा, रॉयल बंगाल टाइगर भी अगर अकेला हो तो जंगली कुत्ते उसे घेरकर, हमला करके मार दे सकते हैं." उनके ऐसा कहते ही हॉल तालियों से गूंज उठा, उन्हें कहने-बताने की ज़रूरत नहीं पड़ी कि वे जंगली कुत्ते किसको कह रहे हैं. ये वही कुत्ते हैं जिनके पिल्ले गाड़ी के नीचे आ जाएं तो प्रधानमंत्री मोदी जी को दुख होता है.
"हिंदू होने पर गर्व करना चाहिए", "हिंदू ख़तरे में हैं" और "हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए"... ये सब संघ का स्थायी भाव है. हिंदुओं को किससे ख़तरा है? हिंदुओं को किस लक्ष्य के लिए एकजुट होना चाहिए, किसके ख़िलाफ़ एकजुट होना चाहिए, इन सवालों के जवाब इशारों में समझाए जाते हैं, चुनाव जैसी विकट स्थितियों में ही मंच से क़ब्रिस्तान-श्मशान कहना पड़ता है.
सरकार आपकी, शेर हैं आप, पुलिस और प्रशासन भी आपका है, डर भी आप ही को लग रहा है. आमिर ख़ान की बीवी किरण राव को डर लगता है वो ग़लत है, आपका वाला डर सच्चा है. क्या ग़ज़ब का डर है.
मोहन भागवत ने कहा कि सभी हिंदू दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं, वे ईमानदारी से ऐसा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य किसी पर वर्चस्व कायम करना नहीं रहा है, इतिहास में हमारा प्रभाव बहुत रहा है और मेक्सिको से साइबेरिया तक, वहां पर हिंदू साम्राज्य थे, आज भी उन प्रभावों को देखा जा सकता है, और कमाल की बात है कि वहां के लोग इन प्रभावों को संजोकर रखते हैं."
उन्होंने इनके नाम तो नहीं लिए लेकिन माया, इन्का, यूनान और मिस्र जैसी प्राचीन सभ्यताओं के सभी प्रकृतिपूजकों और मूर्तिपूजकों को एक झटके में हिंदू घोषित कर दिया, उन्हें हिंदू साम्राज्य बताकर, वो भारत को गौरवशाली हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जोश का वातावरण तैयार करना चाहते हैं.
अपने भाषण में भागवत ने महाभारत का ज़िक्र छेड़ा, उन्होंने कहा कि "आज के आधुनिक समय में हिंदुओं की अवस्था वही है जो महाभारत में पांडवों की थी."

Saturday, September 1, 2018

空气污染可影响生殖能力

上海和济南的精子库里三分之二的“捐精”不符合联合国卫生组织的最低精子浓度标准,专家怀疑猜测空气污染或许和“捐精”质量不佳有关。

这份由中国社会科学院、中国气象局联合发布的《气候变化绿皮书:应对气候变化报告( )》,虽然只是简要引用了过往研究的表述,但由于中国的不孕不育夫妻比例目前高达15%,远高于三十年前3%的比例,报告还是引起了公众焦虑。

山东大学附属生殖医院人类精子库主任王丽在接受《大众日报》采访时说:“生殖功能受压力、生活方式、环境等多方面因素影响,但不可否认环境污染造成的不利影响。”

王丽说,来自日照、潍坊等污染相对较轻地区的“捐精”,质量上要比来自地区工业中心济南的好。

上海市人类精子库主任、上海交通大学仁济医院泌尿外科主任医师李铮,近年来观察到男性不孕不育比例的上升。据《新闻晨报》报道,2012年一项由李铮负责的研究发现,最近10年随着环境日趋恶化,男子精液质量每况愈下。

“环境差了,精子就长‘难看’了,甚至游不动了。”李铮告诉当地媒体,“生态稳定不稳定,化验一下精子就能知道。”

新华社在本月早些时候报道,中国社会科学院、中国气象局联合发布的一份报告称,雾霾天气可能会影响人类的生殖能力。

虽然目前还没有确凿的证据显示生殖能力下降与空气污染间有关,但这并不能减轻公众对此的担忧,一篇刊于《人民日报》网站的评论甚至呛声质问:“雾霾影响生殖,谁能安之若素?”。比起2011年年底中国发布的“十二五”规划,“大气十条”涉及的地域更广、提出的措施更严,同时还有强化对地方政府的考核、提出运用经济手段治污、强调调整产业结构等亮点。“大气十条”出台两个月以来,各地政府密集出台了相关落实方案,也体现了一定的积极影响力。

能源基金会环境管理项目主管赵立建对中外对话表示:还有很多具体环节需要予以更大的关注。“大气十条”中的一些措施还不够量化和具体,而已经量化了的目标——2017年煤炭占能源消费比重降到65%以下、京津冀地区PM2.5浓度下降25%两条——还受到许多具体因素的制约。

赵立建说,前者的难度在于,要保证浓度下降这么多,必须减排所有造成PM2.5的一次和二次污染物,且减排幅度要大于25%。而后者的难处则在于,要减少那些主要煤炭消费区域的煤炭绝对量,就是要使这些区域的煤炭消费5年内达到峰值,并且不同程度地下降。2013年8月,国家发改委能源研究所研究员姜克隽曾向新华网表示,在高耗能产业已经接近峰值的背景下,估计2015年中国煤炭消费有望达到峰值,然后逐渐下降。而赵立建认为,这个目标的达成仍然需要很大努力。

赵立建认为,有一些关键因素影响着指标能否达成:首先是执法力度,尤其是对违法处罚的严格程度——这就需要《大气污染防治法》的修订。其次,地方落实空气质量管理政策的能力也是一个重要因素。“很多地方政府没有管理经验,而空气污染防治是一个需要科学决策、系统管理的任务。”另外,数据透明和公众对政策实施的监督也必不可少。最后,虽然“大气十条”提出了要采用经济手段调节煤炭消费,但经济政策如何制定仍待进一步考察——特别是针对煤炭的税费改革,能否有效提升煤炭的使用成本,进而通过市场手段减少煤炭的使用,都还有待进一步明确。